October 26, 2011

दिवाली


यह मेरी अपनी रचना नहीं है...यह मैंने कहीं पढ़ी और पढ़ते ही यह मेरे मन में बस गयी...
जो भी इसके रचयिता हैं ..उसे बहुत बहुत ध्नयवाद और आभार की वोह उन सभी भावनाओ को प्रकट कर पाए जो शायद हम सब भारतीयों को भारतीय बनाती है!
दिवाली के इस पवन अवसर पर आप सभी और आपके परिवार को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाये!
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अब के दिवाली पर इक काम कीजिये

कुछ खर्चा मुफलिसों के नाम कीजिये

तकदीर समझ बैठे है जो अंधरों को

आप रौशनी का वहाँ इंतजाम कीजिये

कोरी मुबारकबाद में कुछ नही हासिल

थोडा सा मीठे का भी एहतराम कीजिये

महसूस करोगे सुकून मन में दोस्तों

पैर छूकर बुजुर्गों को प्रणाम कीजिये

दौडाके नजर अपने अपने इलाकों में

जरुरतमंदों की यादगार शाम कीजिये

गुप्त दान करने का जमाना जा चुका

जो आपको करना है सरेआम कीजिये

ता- उम्र काम आएगी समझ ले बेचैन

ना ख्वाइशों का खुद को गुलाम कीजिये

5 comments :

  1. Beautiful, thanks for sharing. Wishing you a very Happy Diwali!

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  2. Really a very beautiful lines.
    Wish you a very happy and prosperous Diwali.

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  3. Waah... Behtareen..:)
    The best part I liked is.. the last line..
    "Na khwahishon ka khud ko gulaam kijiye.."
    :)

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Now, it is time to be honest !