May 31, 2014

दीवारें

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दीवारों के कान नहीं, ज़ुबान होती है

ज़रा  ध्यान से  सुनिये 

आपसे बातें करने की कोशिश करतीं
ये दीवारें कुछ कहती हैं


कोई बात वोह चित्र, कोई किस्सा वोह घड़ी 
इस दीवार के रँग कि, 

कहानी भी होगी बड़ी


जितना प्यार है

 उतनी ही छिपी है असहमति

इसका हर एक कोना
एक कलाकृति, एक अभिव्यक्ति 


ज़रा आभारी होकर देखिये
एक मकान को घर बनाती
ये दीवारें कुछ कहती हैं


यहाँ यादें हैं तस्वीरों में


वो हँसते चेहरे
वो गुज़रे ज़माने
वो दोस्तों कि शरारत
वो अधूरे तराने


ज़रा पलकें उठा के देखिये
एक जीवन का सार बताती
ये दीवारें कुछ कहती हैं






Image Courtesy- http://dainiktribuneonline.com

5 comments :

  1. हर घर की दीवारें कुछ कहती है. सुंदर रचना.

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  2. I loved loved loved it; need I say more. :)

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  3. If only walls had ears!

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  4. We should learn to listen to the stories the walls have to narrate! Well versed!!

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  5. बहुत सुन्दर लिखा है। लेखन इसे ही कहते हैं ,जो समंदर से मोती निकाल कर लाने में सक्षम हो।

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